
Savitrinama: Savitribai Phule ka Samagra Sahityakarm
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इस पुस्तक में सावित्रीबाई फुले की रचनाओं का मूल मराठी से हिंदी में अनुवाद उज्ज्वला म्हात्रे ने किया है। भूमिका प्रो. हरी नरके की है, जिनका हाल ही में परिनिर्वाण हो गया। इसकी एक प्रति मेरे हाथ में है। मैं इसे पढ़कर हर्ष, आश्चर्य और गर्व महसूस कर रहा हूं। इसके जरिए सावित्रीबाई की बहुमुखी प्रतिभा की जानकारी पाकर आनंदित हूं। सावित्रीबाई फुले एक महान कवि, एक दार्शनिक, इतिहास मर्मज्ञ, प्राख्यात समाज सेविका, सहृदयी शिक्षिका और कबीर की भांति अंधविश्वास के विरुद्ध सतत लड़नेवाली महान योद्धा थीं। (देवेंद्र शरण की समीक्षा से)