

श्रीशक्तिगीता (हिन्दी अनुवाद)
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ISBN: 978-93-5701-202-7, Pages: 82, Size: A5, 2022. Paperback. यह पुस्तक सनातन धर्म का अमूल्य रत्न हैं, और बहुत काल से लुप्त है। श्रीशक्तिगीता शक्ति के उपासकों के लिए अमूल्य रत्न है। यह ज्ञान का वर्धन करते हुए अभ्युदय और निःश्रेयस प्रदान करती है। यह दूसरे समुदाय के लिए भी हितकारी है और पंचदेव उपासना में एक स्तंभ हैं। यह मनोनाश करते हुएॅ ज्ञान, अर्थ, काम और मोक्ष प्रदान करती है और नारी धर्म को भी सुचारु रुप से अग्रसर करने में सहायक है। शक्ति की उपासना शक्तिगीता के बगैर संभव नहीं हो सकती है और यह पुस्तक बहुत काल से लुप्त थी और सनातन धर्म में इस पुस्तक का सबसे बड़ा योगदान है। इस पुस्तक के बगैर सनातन धर्म को समझ पाना अत्यंत कठिन हैं। यह पुस्तक एक नौका के समान है जो कि इस भवसागर को पार करने में सक्षम है। सनातन धर्म मूलं धर्म है जिससे अन्य धर्म की उत्पत्ति हुई है। सनातन धर्म पूर्ण है और मुक्ति के मार्ग को बताने का एक मात्र साधन है, अतएव इसका पालन करना सर्वहितकारी है तथा इसका प्रचार-प्रसार करना धर्मसंगत है।
